मोदी सरकार भारत को विश्व गुरु बनाने का दावा करती है, न्यूज़ चैनल भी इस बात को बढ़-चढ़कर दिखाते हैं और बताते हैं कि भारत अब विश्व गुरु बनने जा रहा है लेकिन सच्चाई कुछ और है भारत भुखमरी से मार रहा है बेरोजगारी से जूझ रहा है. उड़ीसा के एक गांव में एक आदिवासी महिला ने अपने पोते को भुखमरी के कारण सिर्फ ₹200 में बेच दिया, जब इसकी खबर वायरल होने लगी तो मीडिया वाले वहां पहुंचकर उसका इंटरव्यू लिए और वीडियो वायरल हुआ.
गरीबों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती है सरकार
गरीबों को सिर्फ वोट बैंक की तरह भारत सरकार इस्तेमाल करते हैं, सरकार सिर्फ यह डंका बजाते नजर आती है कि भारत के राष्ट्रपति आदिवासी हैं, मुख्यमंत्री आदिवासी हैं, और आदिवासी गौरव दिवस भी मानती है लेकिन यह सिर्फ इलेक्शन के टाइम ही दिखाई देता है बाकी दिन आदिवासी भूख के कारण मर जाते हैं, जब यह घटना सोशल मीडिया पर सामने आए तो सबकी रूह कहां पर गए, भारत में गरीबी इस तरह आ गई है किदो वक्त का खाना खाने के लिए सिर्फ ₹200 में दादी ने अपने पोते को बेच दिया।